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वृंदा ने कहा था
कमल कपूर
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सारांश
' समर पॉम सोसायटी' के अपने खूबसूरत अपार्टमेंट की बॉलकनी में बैठे वह नीले धुले खुले आसमान के शामियाने तले पसरे चटक हरे आलोक को देख-देख मुग्ध हो रहे थे और सोच रहे थे कि जिसने इस सोसायटी की कल्पना की होग
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SSB
आपका कहानी कहने का अंदाज बहुत बेहतरीन है !!!!
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Reema Bhadauria
Bahut khubsurat😊😊
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Ankita Vishnoi
no words
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सौरभ सिंह "राजकुमार"
bahut khub
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Vijay Hiralal
sirf shabad kafi na hoge is ke liye
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Veena Jha
So Heart touching, I am spellbound...
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निधि शुक्ला "निड्स"
Bahut Acchi kahani....marmik...avam krambadh lekhan .....💫
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