#चश्मिस_भाग_१ -------
#चश्मिस शायद अजीब सा नाम लगे आप लोगो को पर मेरे लिये तो वो #चश्मिस ही बनी रही हमेशा , नाम नही जानता था मै उसका पहली बार #लंका पर देखा था उसको शाम का समय था ठंड़ का मौसम और अपनी दो #बाक्सर सहेलियो के साथ वो इस ठंड़ी मे गरम - गरम #मोमोज #चेपने मे लगी थी और हम अपने मित्रो के साथ सेवपूरी और दही बड़े #ठूसने मे व्यस्त थे वैसे तो हमारा पूरा ध्यान #सेवपूरी पर ही था क्यो कि हमे पता था कि जरा सा भी ध्यान भटका तो ये #कमीने उतने मे निपटा देंगें पर तभी मोमोज की दुकान से एक प्यारी सी लगभग चिल्लाती हुई आवाज आयी , ओह सिट यार कितना गरम है यार ऊफ्फ , मैने उधर देखा तो एक लड़की पैर पीटते हुवे मुँह से गरम हवा निकालते हुवे हाथो से पंखा कर रही थी , उसकी दोस्त पीठ को सहलाते हुवे यार तुझे ध्यान से धीरे - धीरे खाना चाहिये था तू हमेशा जल्दीबाजी करती है , उसने पानी पिया ये सब देखकर मुझे हँसी आ रही थी और मै मुस्कुरा रहा था संयोग से हम दोनो की नजरे टकराई मुझे मुस्कुराता देख उसने मुझे गुस्से से घूरा मानो मैने उससे #थर्मोडायनमिस्क के बारे मे पूछ लिया हो , मैने भी धीरे ये नजरे झुकाई और वापस नजरे सेवपूरी की तरफ केन्द्रित की पर सावधानी हटी और दुर्घटना घटी का मतलब आज समझ मे आया , सेवपूरी पूरी खत्म हो चुकी थी , चौबे जी ने मजे लेते हुवे कहा #गुरू या तो ये सेवपूरी खा लो या फिर वो सेब #खा लो , वैसे लगता था आज किस्मत भी यही चाहती थी कि हम #सेब ही खाये , मैड़म मोमोज खाकर सेवपूरी की दुकान पर आ गयी दूसरी तरफ हम लोग अभी खड़े थे , मैड़म ने सेवपूरी वाले को आर्डर दिया भैया तीन सेवपूरी , मै वहाँ रूकना चाहता था मैने चौबे से कहा यार दही बड़े खाते है , चौबे जी मुस्कुराये बोले मित्र खा तो लेंगें पर आज का पूरा #बिल तुम दोगे ना चाहते हुवे भी मुझे हाँ कहना पड़ा , चौबे ने बोला भाई तीन दही बड़े , सेवपूरी वाले ने कहा भैया बस सेवपूरी बना ले फिर देते है , मैने भी मुस्कुराते हुवे कहा कोई बात नही आप पहले #उन्हे ही दे दीजिये , इतना सुनते ही उसने मेरी तरफ देखा मैने भी मुस्कुरा के उसकी तरफ देखा इस बार उसने मुझे घूरने के बजाय एक प्यारी सी मुस्कान के साथ देखा फिर नजरे झुका ली मै तो बस उसकी तरफ देखते ही रह गया , उसने #वूलेन टोपा लगाया था जिसपर कुछ कार्टून टाइप का कुछ बना था , क्या बना था ये तो मुझे नही पता पर जो भी था बहुत प्यारा था #टोपा लगायें #चश्मा लगाये वो पढ़ाकुओ टाइप वाली बहुत ही प्यारी लग रही थी वो , हरकते भी उसकी बिलकुल बच्चो जैसी थी आचानक से दोनो हाथो की हथेली रगड़ते हुवे ऊ ऊ कितनी ठंड़ी है मुँह से भाप निकालती मानो #मालोबारो_लाइट पीकर ठंड़ को धुआ -धुआ कर रही हो तो कभी अपनी जैकेट के जेबो मे दोनो हाथ डालकर उछलने का प्रयास करती हुई पैर पीटकर इठलाते हुवे कहती #भैया जल्दी बनाइयें न
मै एक बार फिर से उसकी इन प्यारी सी हरकतो मे खो गया , तभी चौबे ने कोहनी मारी #ससुर के #हवशी मत बन जाओ जरा प्यार से , मैने कहा प्यार से ही तो देख रहा हूँ अब क्या जाकर किस कर लूं तभी समझोगे की प्यार से देख रहा हूँ , अब तक शान्त मौर्या जी बोल पड़े साले इतना भी प्यार से देखने को नही कह रहा है #हवशी हम तीनो हसने लगे , उधर उनकी सेवपूरी भी बन चुकी थी , मैने कहा #महाराज अब तो हम लोगो को भी दे दो दही बड़े , देखा उधर मैड़म भी सेवपूरी खाते हुवे ये सुनकर धीरे से मुस्कुरा दी , हमने उन्हे देखा तो नजरे झुका ली शायद वो भी समझ रही थी कि हम यहाँ उन्ही के लिये रूके है अब अगर लेट हुआ तो रूकना व्यर्थ हो जायेंगा
खैर हम लोगो को दही बड़े मिल गये , मैने कहा ससुर के जल्दी - जल्दी ठूसो साथ मे ही चलना है , मौर्या ने कहा अबे छिछोरगिरी करते हुवे पीछे नही जाना हमे
हमने और चौबे दोनो ने एक कनटाप लगाया मौर्या को #ससुर के साल भर पहले जो रोज भौजाई के लिये लंकेटिंग करवाये हो #सराफतअली तब तो ये छिछोरपन्ती तुम्हे प्यार की पहली सीढ़ी नजर आती थी
नौटंकी मत कर जल्दी से खा अब उधर मैड़म लोगो ने बिल पूछा इधर हमने और चौबे ने एक ही बार मे दही बड़ा दही समेत ठूस लिया पर मौर्या अभी भी दोने मे चम्मच मारने मे लगे थे , चौबे कहा अबे जल्दी करो , मौर्या ने तुनक के कहा थोड़ा तेज उन्हे सुनाकर #खा लेंगें तब तो चलेंगें इतनी जल्दी क्या है , हमने सेवपूरी वाले से कहा भैया पैसा इससे ले लेना ये आराम से आयेगा , चलो बे चौबे इतने मे मौर्या अबे रूको बे हो गया #दोना और चम्मच डस्बिन मे दही बड़े पेट मे , ये सब देखकर वो तीनो हसने लगी , दुकानदार और हम लोग भी हसने लगे , खैर पैसे देकर हम लोग भी उन लोगो के साथ ही चलने लगे , काफी शान्ती से हम लोग चल रहे थे ना वो सब कुछ बोल रही थी ना ही हम लोग लंका गेट आ गया मुझसे रहा न गया , मैने कहा यार चौबे जी सोच रहे है कि मोमोज भी खाने चाहिये थे , मौर्या ने कहा चलो तो फिर चलते है चौबे ने ठोकते हुवे मौर्या को कहा कि कल के लिये भी कुछ रहने दो
हम mmv पहुँचने वाले थे , मैने कहा यार ठंड़ बहुत है एक #टोपा भी ले लेना चाहिये कार्टून वाला चौबे जी कहे हा ससुर के तुम चश्मा भी ले लो अब , वो तीनो भी अब मुँह दबाकर हँस रही थी , वो अब mmv मे घुसने वाली थी तभी पता नही क्या सूझा कि मैने तेज से चिल्लाया वैसे #चश्मिस लड़कियाँ बहुत प्यारी लगती है बचपन से ही
वो मेरी तरफ मुड़ी और #तेज से घूरा मुझे जैसे मेरी दोनो किड़नी निकाल लेगी , मैने दोनो हाथो से कान को पकडा़ और माफी मांगने का इशारा किया और वो तुनुक कर चली गयी और हम उसे देखते रहे उसकी दोनो सहेलियाँ तो हँस रही थी पीछे मुड़कर पर वो जब मुड़ी तो वही गुस्से से लाल और हम सिर झुकायें सोच रहे थे
क्या यही मतलब होता है ( आ बैल मुझे मार ) का 😢
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