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वेद को अभी भी लग रहा था जैसे वो कोई सपना देख रहा है जो किसी भी पल टूटेगा और वो अपने आप को अपने नर्म आरामदायक बिस्तर में नीना के आगोश में पाएगा| नीना....कितना बेपनाह प्यार करता था वो नीना से, उसकी ...
अनुकृति स्थिति और अपने सामने बैठे शख्स को समझने की कोशिश कर रही थी| एक बहुत बड़े लेखक का इंटरव्यू लेना ऐसा काम नहीं जो उसे प्रतिदिन करने को मिले| देवऋषि वशिष्ठ अपने समय के सबसे कामयाब पल्प फिक्शन ...